Friday, June 1, 2007

दूर रेह्केभी क्यो

दूर रेह्केभी क्यो
इतने पास रहते है वो?
हम उनके कोई नही
क्यो हमारे सबकुछ
लगते रहते है वो?
सर आंखों पे चढाया
अब क्यो अनजान
हम से बनते है वो?
वो अदा थी या
ये अलग अंदाज़ उनका
हमारी हर अदा क्यो
नज़र अंदाज़ करते है वो?
घर छोड़ा,शेहेर छोड़ा,
बेघर हुए परदेस गए
और क्या,क्या करे,
वोही कहे क्यो
पीछा करते है वो?
खुली आखोसे नज़र
नही आते कभी वो!
मूंदते ही पलकोको
सामने आते है वो?
कभी दिन मे ख्वाब दिखलाये,
अब क्यो कर कैसे,
नींदे भी हराम करते है वो?
शब् हमारी आखोमे गुज़रे
क्यो कर सपनोमे आएंगे वो?
सुना है अपने ख्वाबों
उनके ख्वाबोमे आती है जो?

Lekhika: Pls don't copy without prior permission.Its illegal.

No comments: