Friday, June 1, 2007

चिड़िया ग़र चुग जाये खेत....

सुना था मेरे बडोसे
चिड़िया ग़र चुग जाये
खेत,फायदा नही रोनेसे!
ये कहावत चली आयी
गुजरती हुई सदियोसे
ना भाषाका भेद
ना किसी देशकाही
खेत बोए गए,
पंछी चुगते गए
लोग रोते रहे
इतिहास गवाह है
सिलसिला थमा नही
चलताही रहा
चलताही रहा !

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